The big bang theory
The big bang theory
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The big bang theory पूरी कहानी हमारी जुबानी
हमारी दुनिया कितनी खूबसूरत है, लेकिन इस दुनिया में हर कोई अपने - अपने काम में लगा हुआ है। पर कभी आपने सोचा है कि ये universe जिसमें आप इतने सालों से रह रहो, इसकी शुरुआत कैसे हुई जितने event हुए है इसकी शुरुआत कहां से हुई।
तो जब scientists ने खोज की तो उन्हें ये पता चला कि हमारा universe चारों तरफ से फैल रहा है।
ये universe हर सेकंड साइज में बढ़ता जा रहा है।
तो ये जानने के लिए इस universe की शुरुआत कैसे हुई, हमें बस समय को रोकना होगा और पीछे जाना होगा तो चलों थोड़ा पीछे चलते है।
आज से करीब 13.8 अरब साल पहले ये रहा हमारा अनंत universe सब कुछ इस परमाणू से भी छोटे गोलें के अंदर समाया हुआ है। इस universe में जो भी होने वाला है इस universe में जो भी घटना घटने वाली है , सब कुछ इसमें मौजूद है इस गोले के अंदर जहां पर समय का कोई अस्तित्व नहीं है, दुनिया जिसे हम जानते हैं वह सब की शुरुआत होने वाली है , किसी रहस्यमई कारण के चलते हैं इस atom के साइज से भी छोटा ब्राह्मण अस्तित्व में आया 1 सेकंड के करोड़वे हिस्से के अंदर ये ब्राह्मण अपने अस्तित्व में फैल गया और इसे ही कहते हैं हम the big bang.
इस समय एक ब्लास्ट हुआ इसके चलते बहुत सारी pure energy निकली एकदम pure energy ये energy पूरी तरह से फ़ैल गई और इसी समय space जन्म हुआ और साथ ही साथ समय भी अपने अस्तित्व मै आया ये शुध्द ऊर्जा यानी ये energy करोड़ों साल तक फैलती गई, यह ऊर्जा इतने सालों में धीरे-धीरे ठंडी होने लगी , और इसी ऊर्जा के चलते matter का formation हुआ अरबो छोटे subatomic particles के रूप में जिसे हम atom कहते हैं electron , proton ,neutron इन सब चीजों का formation हुआ असल में दो प्रकार की चीजें बनी थी आधी थी matter मतलब वो परमाणु जिनसे आप बने है और जिनसे ये दुनिया बनी और दूसरा समूह था antimatter जो matter का उल्टा था और क्योंकि antimatter matter का उल्टा है इसलिए यह दोनों आपस में मिलते थे खुद को खत्म कर लेते हैं। पर किस्मत से matter antimatter से ज्यादा था , इसलिए अंत में सब खत्म होने के बाद एक matter का गोला बच गया था, और उसके अलावा और कुछ नहीं था जो उसे खत्म कर सके इसलिए उसका विस्फोट हो गया जो कि हमारे लिए बहुत lucky होने वाला था क्योंकि इसी एक गोली से पूरी दुनिया बनने वाली थी इसी एक गोले के चलते तारों और ग्रहो वाला ब्राह्मण बनने वाला है शुरू के big bangके चलते यह ब्राह्मण अस्तित्व में आया और matter के इस गोले के विस्फोट के चलते ब्रह्मांड के अंदर की चीजें अस्तित्व में आई उस गोले के ब्लास्ट के चलते सब कुछ ठंडा हुआ और आखिर में जाकर सब कुछ बनना शुरू हो गया।
धूल जैसे दिखने वाले इस ब्रह्मांड में एक force अपना काम करने लगा, उस force के चलते हर एक atom आपस में जुड़ने लगे एक दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगे और ये force कोई और नहीं बल्कि यह है THE FORCE OF GRAVITY.
शुरुआत में इस ब्रह्मांड में ज्यादातर H2 के atom exist करते थे गुरुत्वाकर्षण का बल उस H2 के atom को जगह-जगह compress करने लगा जिस जगह H2 के परमाणु गुरुत्वाकर्षण बल के चलते सामने आते थे उस जगह का तापमान लाखो डिग्री तक पहुंच जाता था compress होते होते जब एक जगह का temperature 1 करोड़ तक पहुंच गई जब एक प्रक्रिया शुरू हुई जिसे nuclear fusion कहते हैं।
उससे बहुत ही ज्यादा energy निकली और उसी समय कुछ ऐसा दृश्य दिखाई दिया,
उस समय ब्रह्मांड का पहला तारा अस्तित्व में आया।
फिर इस तारे को अपना एक दोस्त मिल गया शुरुआत में 200-300 तारे बने और लाखों समय के अंतराल में करोड़ों तारे अस्तित्व में आए जी हां यह वही तारे है जिन्हें आप आसमान में देखते हैं।
वो ब्रह्मांड के शुरुआत में इसी तरह बने थे, धीरे धीरे यह तारे गुरुत्वाकर्षण के चलते सामने आने लगे वह आपस में एक group रहने लगे और अरबों तारों का समूह इसमें रहने लगा, अलग अलग shape, size के group का formation हुआ और नजारा कुछ ऐसा दिखता है और इन्हें कहते हम गैलेक्सी।
इसी तरह लाखों-करोड़ों गैलेक्सिस ने जनम लिया और और इन गैलैक्सीस के समूह के बीच में कहीं बीच में एक ऐसी गैलेक्सी बनी इस गैलेक्सी का नाम था मिल्की वे यानी वह गैलेक्सी जिसमें हम और आप मौजूद हैं।
इस गैलेक्सी में अरबों खरबों तारे मौजूद थे पर कुछ dust अभी भी मौजूद है जो की space मैं तेर रहा था।
पर हजारों साल के अंतराल में ग्रेविटी अपनी पावर दिखाने लगी जो dust मौजूद था वो ग्रेविटी के कारण आपस में सामने आने लगे और इसी परिस्थिति के बीच में बहुत सारे planet अस्तित्व में आए, सारे asteroid जैसे दिखने वाले टुकड़े अस्तित्व में आए और ग्रेविटी के चलते आपस में मिलने लगे।
इन्हीं ग्रहो के बनने के दौरान 1 Rocky planet भी बनने लगा यानी ऐसा ग्रह जिसका स्तह solid था और किसे पता था कि इसका नाम होने वाला है Earth यानी धरती जिसमें आपका और मेरा जन्म होने वाला है,
Solid टुकड़े आपस में जुड़ने लगे तो planet बन गए पर जो बचे खुचे pure H2 के atom ये भी आपस में मिलने लगे और जैसा की मैंने तारों के निर्माण के बारे में बताया था बिल्कुल वही घटना यहां भी हुई कुछ बचे हुए H2 के atoms से एक छोटा सा तारा बनने लगा सारे H2 आपस मैं करीब आने लगे इतनी temperature बढ़ गई और nuclear fusion की शुरुआत हो गई एक नया तारा जिसका नाम सूरज है उसका जन्म हुआ जब यह सूरज बन रहा था तब यह बहुत तेज solar wind को इरप्ट किया जिसके चलते बाकी सारे धूल के कण सौर मंडल के बाहर चले गए और सौरमंडल में वहीं आठ ग्रह और उपग्रह बचे जो साइज में बड़े थे ।
सौरमंडल वैसे ही दिखने लगा जैसे वो आज दिखता है।
सौरमंडल के बाहर की तरफ gas के planet बन चुके थे जैसे Jupiter , शनि ग्रह, अरुण ग्रह ,वरुण ग्रह।
और सौरमंडल के अंदर की तरफ Rocky planet का जन्म हुआ यानी ठोस सतह वाले ग्रह, जैसे Mercury , Venus, Mars,
और आखिर में जाकर हमारी Earth.
और यही धरती है जिसके इतने बड़े सतह पर पर से एक जगह पर बैठकर आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं आपके जन्म से पहले इस ब्रह्मांड मैं इतना कुछ घट चुका है। big bang से जन्मा वो matter और उस matter से यह तारा इस तारे के बाद जो की उत्पत्ति इसी के चलते आपका जन्म यही थी आपको आपके जन्म से पहले की कहानी। अब आते असल दुनिया में ।
तो जब scientists ने खोज की तो उन्हें ये पता चला कि हमारा universe चारों तरफ से फैल रहा है।
ये universe हर सेकंड साइज में बढ़ता जा रहा है।
तो ये जानने के लिए इस universe की शुरुआत कैसे हुई, हमें बस समय को रोकना होगा और पीछे जाना होगा तो चलों थोड़ा पीछे चलते है।
Planet from space |
इस समय एक ब्लास्ट हुआ इसके चलते बहुत सारी pure energy निकली एकदम pure energy ये energy पूरी तरह से फ़ैल गई और इसी समय space जन्म हुआ और साथ ही साथ समय भी अपने अस्तित्व मै आया ये शुध्द ऊर्जा यानी ये energy करोड़ों साल तक फैलती गई, यह ऊर्जा इतने सालों में धीरे-धीरे ठंडी होने लगी , और इसी ऊर्जा के चलते matter का formation हुआ अरबो छोटे subatomic particles के रूप में जिसे हम atom कहते हैं electron , proton ,neutron इन सब चीजों का formation हुआ असल में दो प्रकार की चीजें बनी थी आधी थी matter मतलब वो परमाणु जिनसे आप बने है और जिनसे ये दुनिया बनी और दूसरा समूह था antimatter जो matter का उल्टा था और क्योंकि antimatter matter का उल्टा है इसलिए यह दोनों आपस में मिलते थे खुद को खत्म कर लेते हैं। पर किस्मत से matter antimatter से ज्यादा था , इसलिए अंत में सब खत्म होने के बाद एक matter का गोला बच गया था, और उसके अलावा और कुछ नहीं था जो उसे खत्म कर सके इसलिए उसका विस्फोट हो गया जो कि हमारे लिए बहुत lucky होने वाला था क्योंकि इसी एक गोली से पूरी दुनिया बनने वाली थी इसी एक गोले के चलते तारों और ग्रहो वाला ब्राह्मण बनने वाला है शुरू के big bangके चलते यह ब्राह्मण अस्तित्व में आया और matter के इस गोले के विस्फोट के चलते ब्रह्मांड के अंदर की चीजें अस्तित्व में आई उस गोले के ब्लास्ट के चलते सब कुछ ठंडा हुआ और आखिर में जाकर सब कुछ बनना शुरू हो गया।
धूल जैसे दिखने वाले इस ब्रह्मांड में एक force अपना काम करने लगा, उस force के चलते हर एक atom आपस में जुड़ने लगे एक दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगे और ये force कोई और नहीं बल्कि यह है THE FORCE OF GRAVITY.
शुरुआत में इस ब्रह्मांड में ज्यादातर H2 के atom exist करते थे गुरुत्वाकर्षण का बल उस H2 के atom को जगह-जगह compress करने लगा जिस जगह H2 के परमाणु गुरुत्वाकर्षण बल के चलते सामने आते थे उस जगह का तापमान लाखो डिग्री तक पहुंच जाता था compress होते होते जब एक जगह का temperature 1 करोड़ तक पहुंच गई जब एक प्रक्रिया शुरू हुई जिसे nuclear fusion कहते हैं।
उससे बहुत ही ज्यादा energy निकली और उसी समय कुछ ऐसा दृश्य दिखाई दिया,
The first star of universe |
उस समय ब्रह्मांड का पहला तारा अस्तित्व में आया।
फिर इस तारे को अपना एक दोस्त मिल गया शुरुआत में 200-300 तारे बने और लाखों समय के अंतराल में करोड़ों तारे अस्तित्व में आए जी हां यह वही तारे है जिन्हें आप आसमान में देखते हैं।
वो ब्रह्मांड के शुरुआत में इसी तरह बने थे, धीरे धीरे यह तारे गुरुत्वाकर्षण के चलते सामने आने लगे वह आपस में एक group रहने लगे और अरबों तारों का समूह इसमें रहने लगा, अलग अलग shape, size के group का formation हुआ और नजारा कुछ ऐसा दिखता है और इन्हें कहते हम गैलेक्सी।
Galaxy |
इस गैलेक्सी में अरबों खरबों तारे मौजूद थे पर कुछ dust अभी भी मौजूद है जो की space मैं तेर रहा था।
पर हजारों साल के अंतराल में ग्रेविटी अपनी पावर दिखाने लगी जो dust मौजूद था वो ग्रेविटी के कारण आपस में सामने आने लगे और इसी परिस्थिति के बीच में बहुत सारे planet अस्तित्व में आए, सारे asteroid जैसे दिखने वाले टुकड़े अस्तित्व में आए और ग्रेविटी के चलते आपस में मिलने लगे।
Asteroids |
Solid टुकड़े आपस में जुड़ने लगे तो planet बन गए पर जो बचे खुचे pure H2 के atom ये भी आपस में मिलने लगे और जैसा की मैंने तारों के निर्माण के बारे में बताया था बिल्कुल वही घटना यहां भी हुई कुछ बचे हुए H2 के atoms से एक छोटा सा तारा बनने लगा सारे H2 आपस मैं करीब आने लगे इतनी temperature बढ़ गई और nuclear fusion की शुरुआत हो गई एक नया तारा जिसका नाम सूरज है उसका जन्म हुआ जब यह सूरज बन रहा था तब यह बहुत तेज solar wind को इरप्ट किया जिसके चलते बाकी सारे धूल के कण सौर मंडल के बाहर चले गए और सौरमंडल में वहीं आठ ग्रह और उपग्रह बचे जो साइज में बड़े थे ।
Solar system |
सौरमंडल के बाहर की तरफ gas के planet बन चुके थे जैसे Jupiter , शनि ग्रह, अरुण ग्रह ,वरुण ग्रह।
Outer planets |
inner planets |
Earth from moon |
और यही धरती है जिसके इतने बड़े सतह पर पर से एक जगह पर बैठकर आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं आपके जन्म से पहले इस ब्रह्मांड मैं इतना कुछ घट चुका है। big bang से जन्मा वो matter और उस matter से यह तारा इस तारे के बाद जो की उत्पत्ति इसी के चलते आपका जन्म यही थी आपको आपके जन्म से पहले की कहानी। अब आते असल दुनिया में ।
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